
बढ़ती गर्मी, सूरज की तपिश और उमस लोगों को बदहजमी और डिहाइड्रेशन का शिकार बना रही है। ऐसे में विशेषज्ञों की सलाह है कि आ अपने खाने-पीने की आदतों पर विशेष ध्यान दें, ताकि चिलचिलाती धूप में भी शरीर में ‘इम्युनिटी’ बनी रहे।
न्यूट्रिशियन अंकिता मेहरा कहती हैं कि गर्मियों में मानव शरीर से पसीना अधिक निकलने के कारण ‘इलेक्ट्रोलाइट’ असंतुलित हो जाता है। इसलिए खाने से पहले फल और सब्जी की तासीर जान लेना जरूरी है। यदि इस बात का ध्यान नहीं रखा गया और गर्म तासीर वाले फलों को सेवन किया गया तो उससे शरीर में विभिन्न बीमारियां हो सकती हैं।
अंकिता का कहना है कि वर्किं ग लोगों के लिए रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाए रखना और भी जरूरी है, क्योंकि उन्हें दिनभर बाहरी माहौल में रहना है। उन्होंने कहा कि इसको ध्यान में रखते हुए लोगों को गर्मी में नाश्ते में दूध, सभी फ्रूटशेक्स, जूस, फल, स्प्राउट्स, ऑट्स, पोहा आदि लेना चाहिए। वहीं लंच में दालों को प्रमुखता से शामिल करें। इसके साथ आप इसमें सीजनल हरी पत्तेदार सब्जियां जैसे बींस आदि, दो या तीन चपाती और भरपूर सलाद लें।

उन्होंने कहा कि डिनर में इस बात का ध्यान रखा जाए के रात को भारी और ज्यादा खाना न लिया जाए। रात के खाने में रेशेदार सब्जी, दो चपाती और सलाद ले सकती हैं। यदि रोटी खाने का मन न हो तो आप खिचड़ी खा सकते हैं।
क्या करें :
* ग्रीन टी और कोल्ड कॉफी लें
* हल्का खाना खाएं
* मौसमी फल जैसे- तरबूज, खरबूज, ककड़ी, खीरा आदि को प्रमुखता दें
* रेशेदार खाद्य पदार्थ खाएं
* भोजन के बीच में लंबा गैप न होने दें
* बदहजमी होने पर घर में बने नींबू पानी और पुदीना पानी पीएं
* पानी अधिक मात्रा में पीएं
* बाजार के पेय पदार्थो की बजाय दही, सत्तू, शिकंजी, नारियल पानी लस्सी आदि को प्रमुखता दें
क्या न करें :
* तले-भुने खाने से परहेज करें
* गर्म तासीर वाले फल जैसे चेरी, आड़ू, अमरूद न खाएं
* लंच में ले जाए गए टिफिन को पांच से छह घंटे के अंदर खा लें, क्योंकि इससे ज्यादा समय पैक रहने से इसमें बैक्टीरिया पनप सकते हैं
* चाय और हॉट कॉफी से परहेज करें
* ज्यादातर ड्राइफ्रूट्स में वसा अधिक होती है, इसलिए गर्मियों में इन्हें कम खाएं।
(आईएएनएस)
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